Rajasthan Forts History General Knowledge :
दुर्ग - वर्गीकरण
मनुस्मृति में
चाणक्य का सप्तांग सिद्धांत
राजा राजा जैन सेनापति सेना कोर्स दुर्ग मित्र मित्र
शुक्र नीति के अनुसार दुर्ग नो
जलदुर्ग पर्वत दुर्ग वन दुर्ग धनु दुर्ग पारीक दुर्ग
सिंधुदुर्ग एरण दुर्ग स्थल दुर्ग
2013 में
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित दुर्ग - 6
चित्तौड़गढ़ कुंभलगढ़ गागरोन जैसलमेर
रणथंबोर आमेर
भटनेर दुर्ग हनुमानगढ़ -
भटनेर दुर्ग का निर्माण 286/295/298 ईसवी में भूपत भाटी ने करवाया
किसके शिल्पी इसके शिल्पी के कया है यह धान में दुर्गा
जो गग्गर नदी के किनारे है इस दुर्ग में ईटों का प्रयोग हुआ है
इस दुर्ग के उपनाम भाटियों का मरोड़ उत्तरी सीमा का
प्रहरी है
इस दुर्ग पर सर्वाधिक विदेशी आक्रमण हुए यह राजस्थान का सबसे प्राचीनतम दुर्गा
है
1398 ईसवी में तैमूर लंग ने धूल चंद के
समय आक्रमण किया इस समय हिंदू व मुस्लिम महिलाओं ने एक साथ जोहर किया
1805;ईस्वी में सूरत सिंह ने आक्रमण किया
इस दुर्ग में हनुमान जी का मंदिर ,शेर खा की कबड् गोरखनाथ जी का मंदिर है
2. चूरू के दुर्ग
धूलकोट दुर्ग 1790 ईस्वी में सूरत सिंह ने शिव सिंह के समय आक्रमण किया
18 से 14 ईसवी में सूरत सिंह ने अमरचंद सिवाना के समय आक्रमण किया
ऐसा दुर्गे है जिसमें युद्ध के दौरान गोली पूरे होने के बाद चांदi (silver) की गोली दागी गई
थी
3. नाहरगढ़ दुर्ग
जयपुर में है इस दुर्ग का निर्माण 1734 वी में सवाई जयसिंह ने मराठों के आक्रमण से बचने के
लिए करवाया इस दुर्ग में एक जैसे नौ महल है इस दुर्ग के उपनाम निम्न है सुदर्शन
गढ़ महलों का दुर्ग जयपुर की ओर जाता हुआ दुर्ग जयपुर का मुकुट
4. आमेर का किला
जयपुर में है कालिखो है पहाड़ी पर है इस दुर्ग का
निर्माण मानसिंह भारमल ने करवाया ऐसा भी माना जाता है कि इस दुर्ग का निर्माण मीणा
जाति ने करवाया दूल्हे राय ने 1207 ईस्वी में आमिर को
राजधानी बनाया कछवाहा राजवंश ने इसे अपनी राजधानी बनाया
विस्पर ही बने इसे क्रेमलिन आवे ब्रह्मा से श्रेष्ट
बताया मुन्नी 1707 ईस्वी में आक्रमण करें इसका नाम
मोजमाबाद कर दिया
दुर्ग में गणेश पोल दरवाजा है जिसके लिए प्रदूषण ने
कहा कि यह दुनिया का सबसे अच्छा दरवाजा है
दुर्ग में कदमी महल है जिसका निर्माण रामदेव ने करवाया
अमीरा अमीरा जोकर राज तिलक मीणा जाति द्वारा किया जाता
था
जगत शिरोमणि मंदिर का निर्माण मान सिंह की पत्नी
कनकावती ने अपने पुत्र जगत सिंह की याद में करवाया
दुर्ग में जलेबी चौक और शिला माता का मंदिर भी है
5. जयगढ़ दुर्ग
जयपुर में ईगल की पहाड़ी पर है
इस दुर्ग का निर्माण कोकिल देव ने करवाया कुछ मानते
हैं कि इसका निर्माण सवाई जयसिंह ने करवाया इस दुर्ग के उपनाम निम्न है आमिर की ओर
जाता हुआ दुर्ग रहस्यमई दुर्ग
दुर्ग में टाकावे सुरंग है
सवाई जयसिंह ने टॉप डालने का संयंत्र बनवाया
इस दुर्ग में एशिया की सबसे बड़ी तोप जयबाण तोप यह पर रखी हुई है जिसका वजन 50 टन है जो 20 फुट लंबी ह
दुर्ग में कठपुतली घर चारबाग है
इंदिरा गांधी के समय इस दुर्ग की खुदाई करवाई गई
6. भरतपुर दुर्ग
दुर्ग का निर्माण 1733 ईस्वी में बदन सिंह ने करवाया
इस दुर्ग के चारों ओर ढाई सौ फीट गहरी खाई है दुर्ग
में अष्टधातु दरवाजा वह बिहारी का मंदिर है 1805 में जसवंत सिंह ने आक्रमण किया
इस दुर्ग के उपनाम निम्न है पूर्वी सीमा का प्रहरी
लोहागढ़ लोहागढ़ जसवंत सिंह ने कहा
दुर्ग में किशोरी महल में दादी मां का महल है
पुर के भरतपुर के जाटों की कुलदेवी राजेश्वरी माता का
मंदिर है जवाहर बुर्ज वह मोती लोहिया पुल है
राजस्थान का एकमात्र लक्ष्मण का मंदिर भरतपुर में है
7. बयाना दुर्ग भरतपुर
यह दुर्ग दमदमा या मनी पहाड़ी पर है इस दुर्ग का
निर्माण विजयपाल यादव ने 1040 ईस्वी में करवाया इस का प्राचीन नाम
सोनीपुर है इस दुर्ग के उपनाम निम्न है बादशाह है दुर्ग बाणासुर विजय मंदिर गढ़
इस दुर्ग को कुतुबमीनार की तरह बताया गया है
8. रणथंभोर का दुर्ग सवाई माधोपुर
इस दुर्ग का निर्माण 887 ईसवी में रणथम देव ने करवाया
रणथंबोर दुर्ग की कुंजी झाएन दुर्ग को बताया गया है
इस दुर्ग के उपनाम निम्न है चित्तौड़गढ़ का छोटा भाई
दुर्गा धीराज
दुर्ग में नौलखा दरवाजा और 6 दरवाजे
अबुल फजल ने अन्य दुर्गों को नंगा वह इस दुर्ग को
बख्तरबंद बताया
1291 ब्रांड में ईस्वी में जलालुद्दीन ने
आक्रमण किया जलालुद्दीन ने रणथंबोर के लिए कहा कि ऐसे 10 दुर्गों को में मुसलमान के एक बाल के बराबर भी नहीं
समझता
राजस्थान का प्रथम साका 1301 में हमीर देव चौहान के शासनकाल में रणथंबोर में हुआ
हमी ने अपने पिता जितेश सिंह की याद में 32 खंभों की छतरी बनवाई क्योंकि उसके पिता ने 32 वर्षों तक शासन काल किया था 32 खंभों की छतरी को
न्याय की छतरी भी कहा जाता है दुर्ग में त्रिनेत्र गणेश जी का मंदिर है जोरावरपुरा
अनाज संग्रहण है हमीर का मंदिर में अमीर की कचहरी है कर्मावती की अधूरी छतरी है
पीर सत्र उद्दीन की दरगाह है बादल महल में जोगी महल है राजस्थान का एकमात्र ऐसा
दुर्ग है जिसमे मंदिर मस्जिद की जगह तीनों है
9. चित्तौड़गढ़ दुर्ग ( Chittorgarh Fort )
चित्रकूट पहाड़ी पर तथा पठार पर है इस दुर्ग का
निर्माण चित्रांग मौर्य ने करवाया इस दुर्ग का आधुनिक निर्माता को माना जाता है कि
16 से 16 मीटर है यह गंभीर नदी के किनारे हैं इस दुर्ग के उपनाम निम्न चित्रकूट दुर्ग
राजस्थान का गौरव दक्षिण पूर्व का दुर्ग, दुर्गों का दुर्ग
इस दुर्ग के बारे में कहावत है कि गढ़ तो चित्तौड़गढ़
बाकी सब गढ़ैया राजस्थान का सबसे बड़ा दुर्ग है यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा दुर्ग
है जिसमें खेती की जाती है इस दुर्ग में तीन साकी संपन्न हुई है पहला साका 1303 ईस्वी में दूसरा साका 15 से 34 ईसवी में तथा तीसरा शाखा 1568 ईस्वी में हुआ
इस किले में तुलजा भवानी का मंदिर है जिसका निर्माण
दासी पुत्र बलबीर ने करवाया श्रृंगार चौधरी का जैन मंदिर है कुंभा स्वामी मंदिर है
बाण माता मंदिर है अन्नपूर्णा माता का मंदिर है
दुर्ग में विजय स्तंभ है जिसका निर्माण राणा कुंभा ने मालवा विजय के उपलक्ष में करवाया
यह 9 मंजिला तथा 120 122 फीट ऊंचा है इसमें 157 सीढ़ियां है तीसरी मंजिल पर 9 * अल्लाह लिखा हुआ
है आठवीं मंजिल पर एक भी मोटी नहीं है इसे मूर्तियों का अजायबघर कहा जाता है इसमें
एक डाक टिकट 1949 में जारी हुई
विजय स्तंभ के बारे में tod ने कहा कि यह कुतुब मीनार से श्रेष्ठ है
प्रghuषण में रोम टार्जन
कहां
आरपी व्यास ने हिंदू प्रतिमा शास्त्र की अनुपम नीति
कहा सीमा राठौर ने संगीत की भव्य चित्रशाला बताया डॉक्टर ओझा ने पुरानी देवताओं का
अमूल्य कोर्स बताया गोपीनाथ ने लोग जीवन का रंगमंच बताया उपेंद्र ने विष्णु ध्वज
बताया
दुर्ग में दुर्ग में कीर्ति स्तंभ है जिसका निर्माण
चेंज व्यापारी जीजा ने करवाया इसके वास्तुकार चीतामा पापामा पूंजा है यह 7 मंजिला है 75 फीट ऊंचा है कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति के रचयिता अत्री महेश जिसे अभी कभी भी कहा
जाता है कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति विजय स्तंभ की नौवीं मंजिल पर है
10. कुंभलगढ़ दुर्ग ( Kumbhalgarh Fort )
राजसमंद इस दुर्ग का निर्माण राणा कुंभा ने करवाया इस
ग्रुप का शिल्पी मंडल है इस दुर्ग में 36 किलोमीटर लंबी दीवार है जिसे ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया कहा जाता है इस दुर्ग के
उपनाम निम्न है कुंभलमेर मेवाड़ का मेरुदंड मेवाड़ की संकटकालीन शास्त्री
दुर्ग में कटार गढ़ है जिसे मेवाड़ क्या कहा जाता है
पृथ्वी राज सिसोदिया की 12 खंभों की छतरी है अफजल ने कहा कि
कुंभलगढ़ दुर्ग इतनी ऊंचाई पर है कि नीचे से ऊपर देखने पर पगड़ी गिर जाती है रोड
में इसकी मजबूती के कारण से इसको स्टोन का साहिबा जी ने मेवाड़ पर 3 बार आक्रमण किया 1528 में इस दुर्ग को साहिबा जी द्वारा एक बार जीता गया
सिवाना दुर्ग बाड़मेर पहाड़ी पर है
इसकी उपनाम नकुमट्ट महाराजाओं की संकटकालीन स्त्री जालौर दुर्ग की कुंजी दुर्ग पर
आक्रमण किया तथा शाखा हुआ अलाउद्दीन ने दुर्ग को जीतकर इसका नाम खैराबाद कर दिया
2. जालौर दुर्ग
जालौर सुकड़ी नदी के किनारे है इसका निर्माण नागभट्ट
प्रथम ने करवाया इसके उपनाम निम्न काजल सोनगिरी स्वर्ण गिरी 1311 में अलाउद्दीन ने आक्रमण किया तथा शाखा हुआ राजस्थान
की दूसरी मस्जिद तो मस्जिद या अल्लाह मस्जिद जालौर दुर्ग में है उद्योग देसूरी
द्वारा लिखा गया कोयलिया लामा भी इसी दुर्ग में है दुर्ग में मलिक शाह की दरगाह है
चामुंडा माता का मंदिर वीरमदेव की चौकी जैन कीर्ति स्तंभ की छतरी सूरसागर झील है
हसन हसन निजामी ने कहा था कि इस दुर्ग का दरवाजा कोई
नहीं खोल पाया
3. मेहरानगढ़ दुर्ग जोधपुर ( Jodhpur Fort )
चिड़िया टू पहाड़ी पर है इस दुर्ग की न्यूज़ 12 मई 1459 ईस्वी में करणी
माता द्वारा रखी गई इस दुर्ग के उपनाम निम्न है मयूर गढ़ गढ़ का मुखी चिंतामणि
सूर्य गढ़ दुर्ग में शंभू बाण गजनी का किलकिला जमा कड़क बिजली दुधनी नामक तोप है
दुर्ग में जसवंत थड़ा जिसे थंबिया महल भी कहा जाता है
है इसका निर्माण सरदार सिंह ने करवाया इसे राजस्थान का ताजमहल भी कहा जाता है जो
दानी नागणेची मां चामुंडा माता का मंदिर बनवाया दुर्ग में बूढ़े खाकी मंजार शेरशाह
की मस्जिद तथा श्रृंगार चौकी है
इस दुर्ग के बारे में बिल गेट्स ने ब्लू सिटी कहां जे
केली ने आठवां अजूबा लुधियाना रुड़की पी ने कहा कि इस दुर्ग का निर्माण प्रयोग है
रिश्तो ने करवाया है रोड ने कहा कि इस दुर्ग पर चढ़कर पूरे राज्य की निगरानी रखी
जा सकती है
4. जैसलमेर दुर्ग ( Jaisalmer Fort )
दुर्ग रेकुटिया गोदरा पहाड़ी पर है
इस दुर्ग की न्यू 12 जुलाई 11 से 55 ईसवी में रखी गई
इस दुर्ग के उपनाम निम्न है स्वर्ण गिरी रेगिस्तान का गुलाब राजस्थान का अंडमान
गलियों का दुर्ग अमरकोट लंगडाले जहाज भाटी बड़की वार्ड दुर्ग में चूने का प्रयोग
नहीं हुआ इस दुर्ग की छत लकड़ी से बनी हुई है तथा गोमूत्र का लेप किया हुआ है इस
दुर्ग में 99 बुर्ज है इस दुर्ग में 2.5/3 शादी हुई पहला साका मूलराज के समय हुआ तथा अलाउद्दीन
ने आक्रमण किया दूसरा साका बुद्धा के समय फिरोज शाह ने आक्रमण किया तीसरा साका
लूणकरण की समय अमीर अली ने आक्रमण किया दुर्ग में लक्ष्मी नारायण का मंदिर जैन
भद्र सूर्य पुस्तकालय दुर्ग में ₹5 की डाक टिकट जारी
की गई
अबुल फजल ने कहा था कि इस दुर्ग में जाने के लिए पत्थर
के पैर चाहिए
5. तारागढ़ या अजमेर टू दुर्ग
अजमेर बिजली पहाड़ी पर है जिसका
निर्माण 1113 ईस्वी में अजय राज ने या सुतिया सी
ईस्वी में अजय पाल ने करवाया इसके उपनाम निम्न है गड़बड़ी राजपूताने की कुंजी
राजस्थान का दीदी अरावली का अनुमान राजस्थान का जिब्राल्टर सर्वाधिक स्थानीय
आक्रमण दुर्ग में घुंघट बांद्रा इमली है नाना साहिब का जिन्ना घोड़ती की मंजार
रूठी रानी का महल शीशा खान गुफा है
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