भील जनजाति || Bheel Janjati || Bheel Tribe

Bheel Janjati in hindi.

*भील जनजाति-

** भील जनजाति की परिभाषा-
                                         भील शब्द की उत्पत्ति द्रविड़ भाषा के भीलू शब्द से हुई है  जिसका शाब्दिक अर्थ है कि तीरंदाज कुछ लोग इसकी उत्पत्ति क्रिया के मूल रूप से मानते हैं जिसका अर्थ है भेदना या मारना तथा पद करना

** भीलो की उत्पत्ति के संबंध में पौराणिक मत-
                                                               1. पुराणों के अनुसार भीलो की उत्पत्ति भगवान शिव के पुत्र निषाद से मानी जाती है एक बार जब भगवान शिव ध्यान की मुद्रा में बैठे हुए थे उसी समय निषाद ने अपने पिता शिव के बैल नंदी को मार दिया था तब भगवान शिव के दंड स्वरूप पर्वतीय क्षेत्र में निर्वासित कर दिया था पुराणों के माध्यम से कहा जाता है की भील निषाद की ही संतान है     
2. महाभारत में एकलव्य का वर्णन मिलता है एकलव्य का संबंध भी भील जनजाति से ही था
3. रामायण में भी शबरी नामक महिला का वर्णन मिलता है इस महिला ने श्रीराम को दंड कार व्यापन में जूठे बेर खिलाए थे उस सबरी का संबंध भी भील जनजाति से ही था
4. कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार भील मेवाड़ राज्य की अरावली पर्वत श्रेणियों में रहने वाले लोग हैं भीलो ने हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की सहायता की थी

** भील जनजाति की शारीरिक विशेषताएं-
                                                        1. यह लोग नाटे कद के होते हैं
2. इनका रंग गहरा काला होता है
3. इनकी नाक चौड़ी होती है
4. इनकी आंखें लाल बाल रूखे तथा जबड़ा बाहर निकला होता है
5. इनका शरीर सुगठित व सुडौल होता है
6. यह लोग परिश्रमी व ईमानदार होते हैं
7. यह लोग स्वतंत्र प्रेमी होते हैं
8. यह लोग चोरी करने को धार्मिक पाप मानते हैं

** भील जनजाति के निवास क्षेत्र-
                                         1. यह जनजाति दुर्गम व निर्जन   पर्वतीय क्षेत्र में निवास करते हैं जैसे अरावली पर्वतमाला ,विंध्याचल पर्वत, सतपुड़ा की पहाड़ियां, खता वन क्षेत्र आदि 
2. भारत में भील चार राज्यों में सर्वाधिक केंद्रित है  राजस्थान, मध्य प्रदेश ,गुजरात, महाराष्ट्र !
3. राजस्थान में भीलों का केंद्र बांसवाड़ा, डूंगरपुर ,उदयपुर ,चितौड़गढ़ ,चित्तौड़गढ़ ,आदि से हैं
4. मध्यप्रदेश में भील जनजाति का केंद्र धार ,झागुआ , रतलाम से हैं
5. गुजरात में भीलो का केंद्र पंचमहल (बड़ोदरा )में है
6. महाराष्ट्र में भीलों का केंद्र औरंगाबाद अहमदनगर जलगांव नासिक धुले आदि जिलों में है

** भौगोलिक परिस्थितियां-
                                    1. भीलो के निवास क्षेत्र की जलवायु मानसूनी प्रकार की है
2. इनके निवास क्षेत्र में लगभग 33 प्रतिशत भू भाग पर वन पाए जाते हैं
3. भीलो की संख्या लगातार बढ़ रही है इस बढ़ती जनसंख्या के सामने अनेक समस्याएं उत्पन्न हो गई है जैसे अनाच्छादित् पहाड़ियां , अप्रदीप मिट्टी, वनों की कटाई

** भीलो के आखेट-
                          1.भील तीर कमान के द्वारा जंगली पशुओं का शिकार करते हैं
2. पुरुष तालाबों में मछली पकड़ने का कार्य भी करते हैं
3. प्राचीन काल में भील महान शिकारी होते थे परंतु भीलो का लगभग 80% भाग कृषि कार्य करने लगा है

** भीलो की कृषि-
1. चीमाता 2. दजीया
1. चीमाता-
               भीलो के द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों में की जाने वाली कृषि झूमिंग कृषि को चीमाता कहा जाता है

2. देजीया-
              भीलो के द्वारा मैदानी भागों में की जाने वाली झूमिंग कृषि को दजीया कहा जाता है

** भीलो का भोजन-
                          1. भील वर्ष भर भोजन के रूप में मक्का का प्रयोग करते हैं
2. भील उत्सवों और त्यौहारों पर चावल (चोखा)व लापसी बनाते हैं
3. भीलो के द्वारा छाछ व आटे को उबालकर राबड़ी बनाई जाती है
4. भील रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार  मांसाहारी होते हैं
5. भील महुआ से निर्मित मदिरा का सेवन करते हैं

** भीलो के प्रमुख वस्त्र- भील दो प्रकार के वस्त्र पहनते हैं
(A) प्राचीन वस्त्र
(B) आधुनिक वस्त्र
A. प्राचीन वस्त्र-
                    1.आजदी से पूर्व भील बहुत कम वस्त्र पहनते थे
2. पुरुष पेड़ की छाल से निर्मित नेकर पहनते थे
3. भील स्त्रियां अपने आप को लाख व कांच की चूड़ियों से सजाती है
4. महिलाएं पेड़ की छाल से निर्मित पेटीकोट पहनती है

B. आधुनिक वस्त्र-
                       1. वर्तमान समय में पुरुष कमीज ,धोती ,साफा व पेंट शर्ट पहनने लगे हैं
2. स्त्रियां घाघरा, ओढ़नी ,लुगड़ी ,काचला पहनती है
3. लड़कियां घाघरी ,ओढ़नी ,पहनने लगी है
4. लड़के लंगोट पहनते हैं
5. भील महिलाए वर्तमान में चांदी ,पीतल ,जस्ता व निकल से बने आभूषण पहनती है

** भीलो का निवास ग्रह-
                               1. भीलो के घर दूर-दूर बने होते हैं
2. भीलो की झोपड़ियां खेतों के बीच में टीलों के ऊपर बनी होती है
3. प्रत्येक झोपड़ी अपने आप में पूर्ण होती है
4. झोपड़ी में अपने आवास के साथ-साथ अन्य भंडार व पशुओं  को रखने की व्यवस्था होती है
5. घर की दीवारें मिट्टी ,पत्थर व बांस की बनी होती है तथा छत खफरेले से बनी होती है
6. झोपड़ी के सामने की दीवारों को गोबर ;खड़िया और लाल गेरू से लिप पोथ करें सजाया जाता है
7. भीलो के छोटे गांव को फला कहां जाता है व बड़े गांव को पाल कहा जाता है गमेती एक शासक समान होती है

** भीलो के औजार व बर्तन -
(1. )औजार-
                 1. भील तीर कमान के द्वारा जंगली पशुओं का शिकार करते हैं
2. भीलो के पास दो प्रकार के गाने होते हैं
1 हरियो 2रोबदो
3. फटकिया- भीलो के द्वारा पक्षियों को पकड़ने के लिए काम में लाया जाने वाला एक प्रकार का कंधा जिसेे फटकिया कहां जाता है
(2.) बर्तन- मिट्टी के बर्तन  ,मक्का पिसने की चक्की , बांस से बना पालना


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**-- अति महत्वपूर्ण प्रशन-
1. भील लोग कौन सी मदिरा का सर्वाधिक सेवन करते हैं
उत्तर- महुआ से बनी मदिरा का सेवन करते हैं

2. दापा- यह भील जनजाति में प्रचलित एक प्रथा है जिसमें लड़के के पिता को विवाह के समय कन्या का मूल्य देना पड़ता है इस प्रथा को दापा कहा जाता है

3. गोल गोधेडो प्रथा किसे कहा जाता है
उत्तर- भील जनजाति में प्रचलित एक ऐसी प्रथा जिसमें कोई भील युवक शूर वीरता  और साहस का कार्य दिख लाते हुए विजय होता है तो उसे शादी हैतू किसी भी युवती को चुनने का अधिकार होता है
4. बोलावा किसे कहते हैं
उत्तर- मार्गदर्शन करने वाले व्यक्ति को भील बोलावा कह कर पुकारते हैं

5. विश्व का सबसे बड़ा जनजातीय समूह कौन सा है
उत्तर- गोंड

6. फाइरे -फाइरे क्या है
उत्तर- यह भील का प्रमुख रण घोष है