सहरिया जनजाति || sahariya janjati in Hindi, sahariya tribe full information


                        सहरिया जनजाति

** सहरिया जनजाति--
                             राजस्थान की एकमात्र सबसे पिछड़ी जनजाति जिसे भारत सरकार ने आदिम जनजाति में शामिल किया है राज्य के 98% सहरिया बारा जिले की किशनगंज व शाहबाद तहसीलों में निवास करते हैं सहरिया फारसी भाषा के शब्द शहर से बना है जिसका अर्थ  जंगल होता है सहरिया जनजाति के घरो को टापरी व टोपा कहते हैं टापरी ,मिट्टी ,पत्थर ,लकड़ी और घास फूस की बनी होती है टोपा घने जंगलों में पेड़ों पर या बल्लीयो पर बने मचान को कहते हैं इनकी छोटी बस्तियां सहराना व गांव सहरोल कहलाते है

                      सहरिया जनजाति में एकांकी परिवार पाए जाते हैं इनमें बहूपत्नी प्रथा  का रिवाज है नात आफ रिता भी इन में प्रचलित है सहरिया जनजाति में लड़की के जन्म को शुभ माना जाता है बारा जिले मैं केलवाड़ा के पास सीताबाड़ी में लगने वाला मेला इनका पवित्र स्थान है यह वाल्मीकि ऋषि को अपना कुल देवता मानते हैं

   ** सहरिया जनजाति के वस्त्र---
                                     सहरिया जनजाति के पुरुष धोती कमीज व सपा पहनते हैं तथा स्त्रियां घाघरा लुगड़ी और लंबी बाहें का कमीज पहनती है स्त्रियां शरीर पर गोदना गुदवाती है

**सहरिया जनजाति की अर्थव्यवस्था-- 
                                      सहरिया जनजाति की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार वनों उत्पाद व स्थानांतरित कृषि है इस जनजाति में साक्षरता का प्रतिशत बहुत ही कम है

** अन्य महत्वपूर्ण प्रशन--
(1.)प्रशन-- राजस्थान की ऐसी एकमात्र कौन सी जनजाति है जिसे भारत सरकार ने आदिम जनजाति में शामिल किया है
उत्तर-- सहरिया जनजाति ऐसी एकमात्र पिछड़ी जनजाति है जिसे भारत सरकार ने आदिम जनजाति में शामिल किया है

(2.) प्रशन-- सहरिया जनजाति के 98% लोग किस जिले में निवास करते हैं
उत्तर-- सहरिया जनजाति के 98% लोग बारा जिले के किशनगंज व शाहबाद तहसील में निवास करते हैं

(3.) प्रशन-- सहरिया जनजाति के घरों को क्या कहते हैं
उत्तर-- सहरिया जनजाति के घरों को टापरी व टोपा कहते हैं

(4.) प्रशन-- टापरी में टोपा किसे कहते हैं
उत्तर--1. टापरी--
                      टापरी मिट्टी, पत्थर ,लकड़ी ,और घास- फूस की बनी होती है
2. टोपा---
            टोपा घने जंगलों में पेड़ों पर या बलियो पर बने मचान को कहते हैं

(5.) प्रशन- सहरिया जनजाति की छोटी बस्तियों को क्या कहते हैं
उत्तर-- सहरिया जनजाति की छोटी बस्तियों को सहराना कहते हैं

(6.) प्रशन-- सहरिया जनजाति के गांव को क्या कहते हैं
उत्तर-- सहरिया जनजाति के गांव सहरोल कहलाते हैं

(7.) प्रशन-- सहरिया जनजाति में कैसा परिवार पाया जाता है
उत्तर-- सहरिया जनजाति में एकांकी परिवार होता है

(8.) प्रशन-- सहरिया जनजाति में कैसी प्रथा का रिवाज है
उत्तर-- सहरिया जनजाति में बहु पत्नी प्रथा प्रचलित है

(9.) प्रशन-- सहरिया जनजाति के लोग किसे अपना कुल देवता मानते हैं
उत्तर-- सहरिया जनजाति के लोग वाल्मीकि ऋषि को अपना कुल देवता मानते हैं