वायु परिवहन- air transport, air transport system full information in hindi

Air Transport System In Hindi -


**वायु परिवहन---

               ----->>    संसार में वायु परिवहन का विकास प्रथम विश्वयुद्ध( 19 14 - 19) के बाद से हुआ है बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध से वायु या हवाई परिवहन का प्रचलन बहुत बढ़ गया है वर्तमान युग को हवाई युग भी कहा जाता है आजकल अत्यंत तीव्र गति से चलने वाले वायुयान आकाशी यातायात के लिए प्रयुक्त होने लगे हैं परिवहन की दृष्टि से यह सबसे तीव्र किंतु सबसे महंगा साधन है यही कारण है कि वायुयानो द्वारा सामान्यतः  हल्की कीमती सदा शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं को ही भेजा जाता है वायु यातायात सस्ती तथा भारी वस्तु के परिवहन के लिए उपयुक्त नहीं है ऐसे पहाड़ी क्षेत्रों या अन्य दुर्गम क्षेत्रों में जहां जल परिवहन अथवा थल परिवहन संभव नहीं होता है वहां भी छोटे वायुयानो या हेलीकॉप्टरों द्वारा यात्रियों तथा सामानों को पहुंचाया जा सकता है.


प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ ,भूकंप, युद्ध, अधिकारियों में  राहत वायु परिवहन द्वारा सर्वाधिक उपयोगी सिद्ध हुई है पर्वतों हिम क्षेत्रों अथवा विषम मरुस्थलीय भूभाग हिमालय में भूस्खलन व भारी हिमपात के कारण प्राय मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं ऐसी स्थिति में वायुयान ही एकमात्र विकल्प है

                      वायुयान के निर्माण तथा उनकी कार्यप्रणाली के लिए अत्यंत विकसित अवस्थात्मक सुविधाओं जैसे विमान साला, हवाई अड्डा, हवाई पट्टी ,भूमि पर उतरने, इंदन तथा रखरखाव की सुविधा की आवश्यकता होती है हवाई अड्डों का निर्माण अत्यधिक खर्चीला है विश्व के अनेक भागों में नित्य वायु सेवाएं उपलब्ध है
                     यद्यपि ब्रिटेन का वाणिज्यिक वायु परिवहन का प्रयोग अनुकरणीय है संयुक्त राज्य अमेरिका ने मुख्य रूप से युद्ध उत्तर अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन का विकास किया है आज 250 से अधिक वाणिज्यिक एयरलाइन  द्वारा विश्व के विभिन्न भागों में नियमित सेवाएं प्रदान की जा रही है सुपर सोनिक वायुयान लंदन और न्यूयॉर्क के बीच की दूरी का 3:30 घंटे में तय कर लेता है

**अंतर महाद्वीपीय वायु मार्ग--* अंतर महाद्वीपीय वायु मार्
                                  उत्तरी गोलार्ध में अंतर महाद्वीपीय वायु मार्गों की एक सुस्पष्ट पूर्वी पश्चिमी पट्टी है पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका पश्चिमी यूरोप और दक्षिण पूर्वी एशिया के वायु मार्गों का सघन जाल पाया जाता है विश्व में कुल वायु मार्गों के 60% भाग का प्रयोग अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका करता है न्यूयॉर्क, लंदन, पेरिस, एमस्टरडम और शिकागो केंद्रीय बिंदु है जहां से वायु मार्ग अभी सरित होते हैं अथवा सभी महाद्वीपों की और विकसित होते हैं


** वायु मार्ग के प्रकार---
                         संसार में वायु मार्ग 6 प्रकार के हैं

(1) अंतर महाद्वीपीय ग्लोब वायु मार्ग---
                                              1 न्यूयॉर्क ,लंदन ,पेरिस , रोम, काहीरा ,दिल्ली, मुंबई ,कोलकाता, हांगकांग ,टोकियो, वायु मार्ग यह सबसे लंबा वायु मार्ग है
2 न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को ,होनोलूलू, हांगकांग, एडीलेड ,पर्थ, मार्ग जो प्रशांत महासागर को पार करता है

(2.) महाद्वीपीय वायु मार्ग---
                                एक ही महाद्वीप के विभिन्न देशों के बीच वायु मार्ग जैसे- 1 न्यूयॉर्क, शिकागो   2मोंट्रियल मार्ग, लंदन, पेरिस, फ्रैंकफर्ट, प्राग, वारसा मार्ग 3 लंदन ,फ्रैंकफर्ट ,वारसा, मास्को वायु मार्ग 4 दिल्ली, कोलकाता, हांगकांग ,टोक्यो मार्ग

(3) राष्ट्रीय वायु मार्ग-----
                       किसी भी देश के अंदर दूरी की यात्राओं को तय करने के लिए जैसे  1 न्यूयॉर्क, शिकागो, सैन फ्रांसिस्को मार्ग 2 लेनिनग्राद, मास्को ,  3 दिल्ली ,कानपुर, पटना ,कोलकाता

(4) प्रादेशिक वायु मार्ग--- 
                         किसी प्रदेश के अंदर छोटी छोटी यात्राओं को भी समय की बचत के लिए वायुयान द्वारा किया जाता है धनी देशों में जैसे स. रा. अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ, जर्मनी ,ब्रिटेन, जापान ,कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि ने ऐसे प्रादेशिक वायु मार्गों का विकास हुआ है जो अधिकाधिक वर्दी पर है

(5) स्थानीय वायुयान--
                           स्थानीय वायु यात्राएं प्रायः हेलीकॉप्टर के द्वारा की जाती है

(6) सैनिक युद्ध कूटनीतिक तथा राजनीतिक महत्व की वायु यात्राओं के लिए सभी राष्ट्र अध्यक्षों प्रशासनिक वर्गों की विभिन्न यात्राएं विभिन्न प्रकार के वायुयानो, हेलीकॉप्टरों आदि के द्वारा वायु यात्रा की जाती है